तकनीकी अभिव्यक्ति,असाधारण अनुभूति एवं अन्य अतिश्योक्ति
वातायन से शीतल पवन
चल रहा है मंद मंद
छू कर लटों को तेरे
लेता आलिंगन हर क्षण
प्रभात का श्रृंगार और
प्रकृति का निखर आप पर
आसक्ति निसृत हो रही
मेरे मानस पटल पर.
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