यदि कभी मन निराशा में रहा भटक हो,
ह्रदय के आशावाद, बन विश्वास, संबल दो.
यदि कभी विषाद से मन व्यथित हो,
ह्रदय के विश्वास, प्रेरणा की किरण दो.
कर्मभार से यदि तन हो रहा बोझिल हो,
ह्रदय की चेतना, तनु को तुम बल दो.
यदि विश्वास हीं हो रहा खंडित हो,
दृदय के ज्योतिपूंज, नव विश्वासों को प्रकाश पल्लवित कर दो.
अंजन भूषण
दिनांक - १९ जनवरी ९०
ह्रदय के आशावाद, बन विश्वास, संबल दो.
यदि कभी विषाद से मन व्यथित हो,
ह्रदय के विश्वास, प्रेरणा की किरण दो.
कर्मभार से यदि तन हो रहा बोझिल हो,
ह्रदय की चेतना, तनु को तुम बल दो.
यदि विश्वास हीं हो रहा खंडित हो,
दृदय के ज्योतिपूंज, नव विश्वासों को प्रकाश पल्लवित कर दो.
अंजन भूषण
दिनांक - १९ जनवरी ९०
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